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अक्षय कुमार का जीवन परिचय हिंदी में(Akshay Kumar Biography In Hindi)

पूरा नामअक्षय कुमार(राजीव हरि ओम भाटिया)
जन्म 9 सितंबर 1967 अमृतसर,पंजाब
माताअरुणा भाटिया
पिताहरिओम भाटिया
शिक्षाखालसा कॉलेज मुंबई
राष्ट्रीयताभारतीय
सम्मानपद्मश्री
पत्नीट्विंकल खन्ना
बच्चेआरव कुमार,नितारा कुमार
व्यवसायएक्टर,डायरेक्प्रोटर ,प्रोडूसर
वेबसाइटhttps://www.akshaykumar.co/
कुलआय350 मिलियन डॉलर

मै आज बात कर रहा हु बॉलीवुड के खिलाडी अक्षय कुमार की जिन्होने कभी भी यह नहीं सोचा था की वो एक्टिंग करेंगे और इस फिल्म इंडस्ट्री में स्टार बनेंगे। लेकिन दोस्तों आगर कोई बाँदा मेहनत और ईमानदारी से आपना काम कर रहा है तो ऊपर वाला भी उसके साथ गलत नहीं होने देता है।

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आप में से बहुत ही कम लोगो को पता होगा की अक्षय कुमार का वास्तविक नाम राजीव हरि ओम भाटिया है उनका जन्म पंजाब के अमृतसर में हुआ था। अक्षय का बचपन दिल्ली की चांदनी चोक के गलियो में बीता उनका मन ज्यदा पढाई लिखाई में नहीं लगता था। इसी वजह से उन्होने बारहवी के बाद पढाई छोड़ दी और आपनी खर्च के लिए छोटे मोटे काम करने लगे।

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अक्षय को बचपन से ही स्पोर्ट्स का काफी शोक था इसलिए मार्सल आर्ट की ट्रेनिंग के लिए बेंकोक चले गए। और वहा आपने खर्चो को चलाने के लिए बाबर्ची का नोकरी भी कर ली अपनी जरुरत को पूरा करने के लिए उन्होंने कई छोटे छोटे काम भी किए उसके बाद वो वहा से कलकत्ता आ गए।

और एक टेबल एजेंसी में भी काम किया बाद में कलकत्ता से अक्षय मुंबई पहुचे। जहा वो कुंदन के गहने बेचने लगे जो की दिल्ली से लाया करते थे तो दोस्तों वो अभी बिना किसी लक्ष्य का काम किए जा रहे थे।

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उन्होंने ये सोच लिया था की आपने मेहनत के बल पर पैसा कमाना है भले ही छोटा काम या बड़ा काम क्यों न हो। मुंबई में कुंदन के गहने बेचने के साथ ही साथ कुछ बच्चों को ट्रेनिंग दिया करते थे उन्ही बच्चों में से उनका विद्यार्थी फोटोग्राफर था। उसने उन्हें मोडलिंग करने के सलाह दी और मॉडलिंग प्रोजेक्ट के लिए उनका नाम ले लिया।

उनके पर्सनालिटी को देखते हुए उन्हें सेलेक्ट भी कर लिया गया जिसके बाद दो दिनों में उन्होंने आपना मोडलिंग शूट पूरा किया। जिसे उन्हें दो हजार रुपया मिले उन्हने सोचा मै पुरे महीने काम करने के बाद मुस्किल से पाच हजार रुपया कामा पता हु और यहाँ दो तीन दिन में ही कमरे में बैठकर बिना किसी मेहनत के मुझे बीस हजार रुपये दिए गए।

तभी उन्होंने निर्णय लिया कुछ भी करके मुझे इस काम में आपनी लाइफ सेट करनी है। उसके बाद वो छोटे छोटे मॉडलिंग करते रहे अक्षय बताते है की एक बार मॉडलिंग के सिलसिले में बंगलौर जा रह था उसी दिन वह सुबह उठने के बाद एक्स्सरसाइज़ कर रहे थे एक तभी फ़ोन आता है और कहते है आप बहुत ही ज्यदा लेट हो जाने के कारण आपने फ्लाइट मीस कर चुके है।

जब तक वो कुछ बोलते तब तक फ़ोन कट चूका था उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था की आखीर क्या हुआ मेरे साथ फिर बाद में उन्हें पता चला के फ्लाइट से उन्हें बंगलौर जाना था। फ्लाइट का समय सुबह का सात बजे था लेकिन वो इसे सात बजे शाम में समझ रहे था।

और इसी चक्कर में बड़े प्रोजेक्ट हाथ से निकल गया तो बहुत नीरस थे। लेकिन उनके पिताजी ने उन्हें समझाया बेटा जो कुछ भी होता है आछे के लिए ही होता है उसी दिन से वो शाम को अपना पोर्ट फोलियो लिए नटराज स्टूडियो चले जाते है। जहा प्रमोद जी के यहाँ काम करने वाला मेकअप आर्टिस्ट से उन्हें मिला और उनका पोर्ट फोलियो ले कर प्रमोद जी को दिखाया।

प्रमोद जी को अक्षय की फोटोज बहुत आछे लगे फिर उन्होंने अक्षय को अन्दर लाया और पूछा की क्या मेरा एक फिल्म में छोटा सा रोल करोगे। अक्षय ने तुरंत ही हां कर दी और प्रमोद जी ने अक्षय कुमार जी को तुरंत पांच हजार रुपये का चेक दिए और अपने फिल्म में ले लिया।

इसी बात को याद करते हुए अक्षय कई मोको पर करते हुए दिख जाते है की “हम आजकल में कुछ खास नहीं करते क्योंकि,उपर वाला ही सबसे बड़ा स्क्रिप्ट राईटर है कभी कभी वो कमल कर देता है” आगर आज वो उस मॉडलिंग प्रोजेक्ट के फ्लाइट मिस नहीं होता तो शायद उन्हें फिल्म में काम करने का मोका शायद नहीं मिल पता।

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फिर उन्होंने सन 1990 में अपनी एक्टिंग को इम्प्रूव करने के लिए एक्टिंग कोर्स भी ज्वाइन कर लिया जिसके बाद उन्हें एक फिल्म “आज” के लिए एक छोटा सा रोल मिला जब ये फिल्म थिएटर में रिलीज हुई तो पता चला की इनका रोल सिर्फ दस सेकंड का था इस फिल्म के हीरो का नाम अक्षय था उसी वक्त राजीव भाटिया को यह नाम पसंद आया।

तो उसी समय इसने सोच लिया था की मै आपना नाम राजीव भाटिया को हटाकर हीरो के नाम पर ही रखु और उसके बाद से ही इसका नाम अक्षय कुमार पड़ गया। 1991 की फिल्म “सौगंध”के साथ ही अक्षय कुमार ने बॉलीवुड में अपनी लीड रोल की भूमिका निभाई। फिर बाद में 1992 में उन्हें एक सफल फिल्म “खिलाडी” में अभिनय किया।       

फिर बस और उसके बाद उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा 22 से 23 साल के अन्दर ही अन्दर उन्होंने लगभाग 130 से 140 से ज्यादा फिल्मे की। और आज वो बॉलीवुड के स्टार खिलाडी है तो दोस्तों आगर आप परिश्रम और लगन से आपना काम करते रहे,क्योंकि परिश्रम करने वाला व्यक्ति को उपर वाला कभी निराश नहीं करता उसका फल देरी से,लेकिन देता जरुर है।    

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