और फिल्म में मात्र 10 साल होने के बाद इनकी मा इन्हें मुंबई ले आई। इसे यह सुझाव दिया गया की उनकी यह आवाज में परिपक्वता आने दो फिर इस म्यूजिक इंडस्ट्री में आच्छे से दाखिला मेलेगा। इन्ही के साथ ये मशहुर रहे,कोलकत्ता के एक मशहूर डिस्ट्रीब्यूटर ने एक चिट्ठी लिखी थी राज कपूर के नाम पर। तब महान फिल्म राजकपूर ने संगीतकार लक्ष्मीकान्त प्यारेलाल के पास इस लड़की को भेजा था।
महान संगीतकर कल्याण जी आनंद जी,कल्याण जी के भाई अलका याग्निक को कभी कभी अंगना याग्निक के नाम से भी पुकारते थे। अलका याग्निक ने शास्त्रीय संगीत का विधिवद प्रशिक्षण भी लिया और आल इंडिया रेडियो कोलकत्ता के लिए ये हमेशा भजन गया करती थी। और 1980 में फिल्म आई थी फिल्म “पायल के झंकार” और जिसमे इनकी आवाज सुनाई दी।
और इसके बाद फिर आई “लावारिश” और इसमें गाना था “मेरे अंगना में तुम्हारा क्या काम है” और इसके बाद आई “हमारी बहु अलका” और ये फिल्म में माधुरी दीक्षित को रातो रात स्टार बना दिया। और इसी फिल्म के एक जबदस्त गाने ने अलका याग्निक के आवाज को भी एक नयी पहचान मिल गयी।
और ये गाना जाने मने शायर जावेद अख्तर साहब द्वारा लिखा गया था और संगीतकार थे लक्ष्मीकान्त प्यारेलाल “एक दो तीन” की गिनती इन्होने ऐसी गयी की बाकि सब पीछे और ये आगे आगे इस गाने के लिए इन्हें फिल्म फेयर आवार्ड से भी नवाजा गया था।
आर डी बर्मन रहे की,लक्ष्मीकान्त प्यारेलाल,राजेश रोशन रहे की नादिम श्रावान,अनु मल्लिक,जतिन मल्लिक,ए आर रहमान सभी बड़े संगीतकारों के लिए अलका याग्निक ने प्लेबेक सिंगिंग की। कुमार सानु और उदित नारायण के साथ इनकी आवाज खूब जमी।
अलका याग्निक ने बहुत से आवार्ड भी जीते और आवार्ड के मामले में ये आशा भोसले जी से भी आगे निकल गयी। बहुत ही सारे रियलिटी शो सारे गामा पा,स्टार वोइस ऑफ़ इंडिया और इनके लिए भी अलका बतोर जज बन गयी। इन्होने हर तरह के गाना गए चाहे “कयामत से कयामत” तक रोमांटिक या फिर फिल्म खलनायक में “चोली की पीछे क्या है”।कुली,तेजाब,हम,खलनायक,खुदा गवाह,दीवाना,हम है रही प्यार के,कुछ कुछ होता है,उमराव जान,युवा,गुरु,स्वादेश इन सभी फिल्मो में अलका याग्निक के गानों की बहुत तरीफ की गयी।
और इनकी निजी जीवन की और रुख करे तो पता चलता है इनके पिता धर्मेन्द्र शंकर शुभा याग्निक की वजह से इनकी संगीत की तलिम खूब अच्छी रही। अलका याग्निक लता मंगेशकर से काफी मुताशिफ है बचपन में लडकिया गुड्डे गुडिया से खेला करती थी। और लता मंगेशकर जी की आवाज को कॉपी करने की कोशिश करती थी।
जरूर पढ़ें: अभिजीत भट्टाचार्य का जीवन परिचय
जब ये लता जी से पहली बार मिली तब लता जी ने इनसे कहा था आवाज अच्छी है लेकिन पढाई मत छोड़ना। और इनका विवाह हुआ शिलांग के एक ब्यापारी नीरज कपूर के साथ और वो साल था 1979 अलका याग्निक,कविता कृष्ण मूर्ति ये वो आवाज रही लता जी और आशा जी के रहते हुए भी आपना एक अलग मुकाम बनाया।
और इनके विवाहित जीवन में बड़े ही उतर चढाव रहे,ये दोनों लोग अक्सर एक दुसरे से बहुत ही दूर भी रहे जिनके वजह से बातचीत में भी बंद हो गयी। माधुरी दीक्षित का स्टारडम रहा या फिर दीपिका पादुकोन का,जूही चावला या फिर काजोल का हर बड़ी स्टारडम हिरोइन के साथ अलका याग्निक की आवाज का बहुत बड़ी योगदान है। भारतीय सिनेमा के इतिहास में अलका याग्निक का हमेशा गर्व से लिया जायेगा।