दोस्तों आज मै इस ब्लॉग में बात करने जा रहा हु एन टीवी के प्रसिद्ध कॉमेडी सीरियल भाभीजी घर पर है में दरोगा यानि की पुलिश का किरदार निभाने वाले हप्पू सिंह का जिनका असली नाम योगेश त्रिपाठी है।
हप्पू सिंह ने इस सीरियल में आपने बुन्देलखंडी अंदाज से सभी दर्शकों को कायल बना लिया है। और दिन बा दिन इनके दवारा बोली जाने वाली कुछ बुन्देलखंडी शब्द जैसे कुयआ और चीरण पुरे देश में लोगो की जवान पर चढते दिखाई दे रहे है।
और फिर इनके आपने स्टाइल में रिश्वत मांगने की तो बात ही कुछ और है शो में योगेश का किरदार थोड़ी सच्चई पर आधारित है।
क्योकि उत्तर प्रदेश में इनके तरह घुस लेने वाले और अलसी दरोगा तो बहुत सारे मिल जायेंगे। और इनके दवारा निभाया गया किरदार सच्चई पर आधारित होने की वजह से दर्शको से भी इन्हें पूरा प्यार और सपोर्ट मिल रहा है।
लेकिन क्या आपको पता है अलसी दरोगा का किरदार निभाने वाले हप्पू सिंह असल जिंदगी में बहुत ही मेंहनत और संघर्षो के दाम पर यहाँ तक पहुचे है।
तो चलिए दोस्तों इस ब्लॉग में हप्पू सिंह यानि की योगेश त्रिपाठी के लाइफ को शुरू से जानते है। योगेश का जन्म 13 अगस्त 1979 को उत्तर प्रदेश के राठ नाम के जगह पर हुआ था।
और इनके पिता फिजिक्स के लेक्चरार थे और शुरू से ही चाहता था की इनके बेटे बेटीया भी आगे चलकर लेक्चरार ही बने। इसलिए सभी बच्चो के लिए एक ही नियम था।
लखनऊ में जाकर बी.एस.सी में ग्रेजुएशन और फिर टीचिंग की जाब करना। लेकिन योगेश की रूचि बिलकुल ही अलग थी।
ये शुरु से ही एक्टिंग में करियर बनाना चाहते थे इसलिए पिता के कहने पर इन्हें लखनऊ जाकर बी.एस.सी में एडीमिशन तो ले लिया।
लेकिन इस पढाई में बिलकुल भी मन नहीं लगता था। और वे वहा जाकर छोटे छोटे नाटको में पार्टिसिपेट करने लगे।
वही दूसरी और इनके भाई और बहन ने बी.एस.सी का पढाई पूरी करने के बाद टीचिंग की जॉब कर ली। आगे चलकर योगेश कॉलेज के दोरान ही आपने दोस्त के साथ खुद को अजमाने के लिए मुंबई भी आये।
जहा इन्होने पैसो के आभाव में कई राते रेलवे स्टेशन पर ही बितानी पड़ी। और थोड़े बहुत ऑडिशन देने के बाद में एहसास हुआ की इन्हें अभी बहुत कुछ सीखना बाकि है।
इसलिए वे फिर से लखनऊ वापस आ गए। लखनऊ वापस आने के बाद इन्होने आपने घरवालो से झूठ बोलकर थिएटर ज्वाइन कर लिया।
आगर कोई पूछता तो ये कोचिंग क्लास के लिए गए हुए थे और इन्होने एक इंटरव्यू में बताया की में आपने घरवालो से भी झूठ नहीं बोलना चाहता था।
लेकिन क्या करू अपनी शोक को जिन्दा रखने के लिए मुझे ऐसा करना पड़ा। क्योंकि अगर मै पापा से इसका परमिशन लेता तो कभी भी वो हां नहीं करते।
इसके पीछे और भी कारण था की उस समय तब हमारे तरह के लोग एक्टिंग या किसी सांस्कृतिक कार्यक्रम को नोटंकी कहकर बुलाते थे।
हालकी जो आपने घर वालो से कोई भी बात ज्यदा समय तक नहीं छुपा सकते थे लेकिन एक दिन न्यूज़ पेपर में योगेश के पिता ने इनके फोटो को देख ली।
और फिर सभी सच्चई इनके सामने आ गयी हलाकि कुछ दिनों तक रूठे रहने के बाद आपने बच्चे की ख़ुशी के लिए वे भी मन गए।
और बी.एस.सी की पढाई पूरी करने के बाद योगेश ने एन एस डी की कुछ वर्कशॉप अटेंड की और फिर 2015 में वे फिर से मुंबई आ गए।
जहा पर करीब एक सालो तक इन्होने दर दर ठोकरे खायी, लेकिन इन्हें कभी भी कुछ काम नहीं मिला। आखिरकार 2005 में पहली बार इन्हें हप्पिडेंट क विज्ञापन करने को मिला।
और हां शायद आपने तो इस विज्ञापन को तो देखा ही होगा जिसे अपने दातो से रौशनी करते है। और उस विज्ञापन के बाद जिंदगी थोड़ी पटरी पर लोटनी लगी।
क्योकि आगे चलकर इन्होने करीब 48 और भी कई छोटे बड़े विज्ञापनों में काम किया तभी ऍफ़ आई आर के डायरेक्टर ने इनके टेलेंट को पहचना।
और ऍफ़ आई आर सीरियल में काम करने का मोका दिया। जहा योगेश ने करीब 160 अलग अलग केरेक्टार्स का काम किया।
लेकिन फिर भी लोगो में इनकी कोई खास पहचान नहीं मिल सकी। इसके बावजद भी योगेश आपना सो प्रतिशत देते रहे और यही वजह था की 2015 में भाभीजी घर पर है सीरियल के माध्यम से आखिरकार इन्हें वह रोल ही गया।
जिससे लोगो में इनकी पहचान बन सकी इस सीरियल में इन्होने अलग अलग तरह के एक्टिंग और बुदेलखंडी बोली से सबका दिल जीत लिया।