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जीजा साली की हिंदी में ब्लू पिक्चर मजेदार कहानी

इस ब्लॉग में जीजा और साली की हिंदी में ब्लू पिक्चर की बहुत ही रोमांचक कहानी बताने जा रहा हु जो की साली आधी  घरवाली, ये रिश्ता ही कुछ ऐसा है की संसार जानती है की साली आधी घरवाली होती है।  और इसी  छेड़छाड़ की छोटी से रिश्ते की खुबसूरत कहानिया बताने जा रहा हु।  

ये कहानी है मीणा की और मीणा की शादी हो गयी है अजय से, और मीणा एक बहुत ही गंभीर लड़की है। बात बात पर हँसना, मजाक करना ये बहुत सारी बाते करना मीणा को बिलकुल ही पसंद नहीं है। शांत स्वभाव की लाडकी है और ज्यदातर की ये आपने आप पर ही रहती है।

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यहाँ तक की मीणा अजय से ज्यदा बाते नहीं करती है और वह अजय बहुत ही चंचाल और हसमुख और मुहल्लों भर से बाते करने वाले ये लड़का है। सभी से मजाक भी करता है अजय छोटे छोटे चिजो को भी पकड़कर उसके साथ खेलता है और बहुत कुछ हँसता बोलता है।

जो की मीणा को ये सारा चीज बिल्कुल पसंद नहीं आता, मीणा और अजय दिल्ली में अकेले फ्लैट में रहते है। और बिल्कुल माता पिता और सभी संबंधियों से काफी दूर रहते है। अजय अपने ड्यूटी पर चला जाता है और मीणा अकेली रहती है और घर का काम करती है।   

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और उसे अकेले रहना पसंद भी है ज्यदा से ज्यदा मोबाइल में ही खोयी रहती है। समय आ गया है खुसखबरी देने का, मीणा खुसखबरी सुना रही है जी हा मीणा माँ बानने वाली है और अजय पिता बानने है। बहुत मुश्किल हो गयी दो लोगो के लिए ऐसी स्थिति को संभाल पाना।  

मीणा की तबियत बिगड़ते जा रही है और उसे ज्यदा से ज्यदा आराम की जरुरत है अब उठकर बात बात पर नाश्ता बनाना,खाना बनाना घर का काम अकेले मीणा से नहीं होता। मीणा कहती है की मै माता पिता के पास जाना चाहती हु तो अजय कहता है यहाँ पर तुम्हारा सबसे अच्छा इलाज हो सकता है, यहाँ अच्छा डॉक्टर के साथ बड़ा शहर भी है।

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माता पिता के पास गाव चली गयी तो वहा चिकित्सा की सुबिधाये नहीं है और तुम्हारा यही रहना बेहतर होगा। मीणा कहती है की घर का सारा काम और खाना नहीं बना सकती मीणा कहती है अपने घर को देखु की तबियत को देखूं। मीणा और अजय इस पर अपने माता पिता और सास ससुर से चर्चा करते है। और इस समस्या का हल निकलने के लिए कोई उपाय करते है।   

मीणा की एक छोटी बहन है अनुराधा, और अनुराधा बस मीणा से दो साल ही छोटी है और उसकी भी शादी की बात चल रही है। मीणा अपनी माँ से कहती है माँ अनु को यहाँ भेज दे बस छ: महीनो के लिए बस एक बार डीलीबीरी हो जाएगी तो फिर मै देखती हु कैसे सभालुंगी और मेरी तबियत अच्छी नहीं रहती है।  

मै उठकर पानी तक लेना पसंद नहीं करती हु मुझे लगता है बस मै लेटी रहू आगर अनु आना चाहे तो अनु को भेज दो बहुत बड़ी मदद हो जाएगी। मीणा और अनु की माँ कहती है हां क्यों नहीं तुम दोनों बहने ही एक दुसरे के काम आवोगी, बिल्कुल अनु जाएगी हमलोग अनु को भेज देते है।

तुम अजय से कह दो की अनु को लेने के लिए आ जाये, मीणा कहती है ये कैसे जायेंगे मुझे छोड़कर फिर मै अकेली कैसे रहूंगी। मीणा की माँ कहती है बेटा यहाँ से पहुचने वाला नहीं है तुम अजय को ही भेजो तुम मेहमान को ही भेज दो वो चले जायेंगे यहाँ से।

फिर अनु और अजय तय करते है ठीक है अजय ही चला जायेगा अनुराधा को लेने के लिए। अजय अनुराधा को लेने के लिए जा रहा है, और मीणा तुम बिल्कुल अपना ख्याल रखना जितना हो सके तो सोकर ही रहना और घर के काम में अपना समय बर्बाद मत करना मै आकार सबकुछ देख लूँगा।   

और अनुराधा आ ही रही है घर की साफ सफाई भी वो कर लेगी बस दो दिन तुम किसी तरह निकल लेना। मीणा कहती है की ठिक है आप जाईये मै अपना ख्याल रख लुंगी। अजय जाकर अनुराधा को ले आता है रस्ते में अजय और अनुराधा बहुत बात करते है, हांसते है अनुराधा को जो भी पसंद है खाने पिने की चीज अजय रास्ते में उसे सब कुछ चीज उसे सब कुछ लाकर देता है।

और हासते खेलते अपने घर आ जाते है अनु आकर अपनी दीदी से गले लग जाती है। और उसे बहुत अच्छा लगता है। शादी के सात महीने तक लगभग अपनी बहन से दूर रही और आज उसी मीणा से मिलकर बहुत खुस होती है। अनु एक बहुत ही चंचाल लड़की है बहुत ज्यदा हासती है बाते करती है और टीवी देखना पसंद करती है।

मीणा को ये सब उतना पसंद नहीं है लेकीन अभी मीणा की तबियत थोड़ी ख़राब रहती है और सब कुछ बर्दास्त करती है। ज्यदातर की वो चुपचाप ही रहती है पर अनु के आते ही घर का माहोल पूरी तरह से बदल गया। जहा 9 बजे के बाद ही शांत हो जाता था और घर में अजय कही चुपचाप अपने ऑफिस का काम करता रहता था और मीणा चुपचाप से सो जाती थी।

और घर में टीवी चलता है म्यूजिक सिस्टम चलता है, बहुत बाते होती है, रात में देर रात तक डिनर होती है और गपशप होती है और सोते सोते लगभग 12 बज जाते है। मीणा इन सब बातो से बिल्कुल भी खुस नहीं है। उसका कहना है की 8 से 9 के बाद चुपचाप से अपने कमरे में सो जाये।

और जागो भी तो कोई किसी दुसरे से बात मत करे मेरे सर में दर्द होता है। लेकिन अजय और अनु दोनों का स्वभाव, दोनों जीजा साली तो बस एक दुसरे से लगे ही रहते थे। अजय मजाक मजाक में कहता था की पूरी घरवाली तो मेरे घर में ही रहती थी।

आधी घरवाली को मै जाकर ले आया अनुराधा इस बात पर बहुत हंसती और कहती वह जीजा जी अपने तो मजे है घरवाली और आधि घरवाली दोनों है। यहाँ ऐसे कहते दोनो जीजा साली यु ही मजाक करके हंसते, लेकिन मीणा को बिल्कुल पसंद नहीं आता था।

दो से तीन महीनो में ही मीणा अनुराधा से तंग आ गयी और उसे ऐसा लगता है की बेफिजूल का मजाक करने के लिए और बाते करने के लिए क्या अजय घर में कम थे की एक और सर दर्द को मै ले आई। अब अजय और अनुराधा घर में इतना शोर करते है म्यूजिक बजाते है, हासी मजाक करते है मेरा तो सर पकता है।

फिर धीरे धीरे मीणा के मन में ये बात आने लगी की हो सकता है अजय और अनुराधा बिल्कुल एक जैसे स्वभाव के है। कही धीरे धीरे अजय अनुराधा को पसंद करने लगे आखिर साली जवान है बड़ी है तो जीजा की नजर इस पर पड़ती है कही ऐसा ना हो की अनुराधा और अजय एक दुसरे को पसंद करने लगे और मै भी इस बच्चे के चक्कर में किनारा न हो जाऊ।

ये सब भी उल्टी सीधी बाते मीणा के दिमाग में आया करती थी मीणा की तबियत और डाउन होती जा रही थी। सातवा आठवा महिना चल रहा था और और मीणा पूरी तरह आराम कर रही थी। बाजार से सब्जी लाना,फ्रूट्स लाना,दवाईया लाना कोई भी जरुरत की चीज लाना अनुराधा के साथ अजय ही जाते थे। 

यहाँ तक की खाना किसकी पसंद से बनेगा तो अनुराधा के पसंद से ही बनेगा क्योंकि अजय को अनुराधा की पसंद काफी ज्यदा अच्छी लगती थी। अनुराधा भी चंचाल लड़की थी उसे अजय की तरह  तीखा चटपटा खाना पसंद था। और मीणा बहुत ही सदा और फीका खाना पसंद करती थी।

इसलिए अनुराधा मीणा की दीदी के लिए फीका साधारण सा खाना बना देती,अपने और जीजा जी के लिए पसंद का खाना बना देती। जीजा को भी साली की पसंद बहुत अति थी, ये दोनों की जोड़ी बढती जा रही थी, जमते जा रहा था और मीणा का सर दर्द बढ़ते जा रहा था।

मीणा कह रही थी अब डीलिबिरी क्या होगी मेरा सर में दर्द होता है। इन दोनों को देखकर मीना के मन में एक शक होते जा रहा था की दोनों काफी हंसी मजाक करते है और मै बीमार हु तो कही इस बात का फयदा दोनों ना उठा रहे। लेकिन वास्तव में मीणा की बीमारी की ये सब भी एक मिस अंडारस्टेंडिंग था ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा था।

समाज कहता जरुर है की जीजा और साली के बिच एक मजाक का रिश्ता होता है। साली आधी घरवाली होती है लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है आगर आपके दिल में स्वच्छता है और आपका दिमाग बिल्कुल साफ है तो मन को भी बहुत सफाई रखते है। तो फिर इन सब बातो से कोई मतलब ही नहीं था। अनुराधा और अजय को वो तो बिल्कुल भाई बहन की तरह एक जैसा लगे रहते थे।

मजाक मजाक में अजय कहता आधी घरवाली एक ग्लास पानी मिलेगा तो अनुराधा कहती थी हां जीजा जी अभी अभी घरवाली एक ग्लास पानी लेकर आई। और दोनों खूब हाँसते और यही सब बाते मीणा के दिमाग में बढती जा रही थी। एक दिन अपना माँ से फ़ोन करके कहती है की माँ अब तो नोवा महिना चल रहा है और मेरा उठाना बैठना मुश्किल हो गया है लेकिन मुझे ऐसा लगता है की अनु को मै यहाँ पर बुलाकर बहुत बड़ी भूल कर दी है।

तुम भी आ जाओ यहाँ माँ कहती है ऐसा क्या हो गया है अनु तुम्हारा ख्याल नहीं रखती क्या या घर में खाना नहीं बनाती। वो कहती है मेरा ख्याल कुछ ज्यदा ही रखती है और अनुराधा मेरे घर का भी ख्याल रखती है और सबसे ज्यदा ख्याल अपने जीजा जी का रखती है।

यह सुनकर बहुत खूश होती है और हंसने लगती है अनु एक बहुत समझदार लड़की है बेटा वो तुम्हारा भी ख्याल रखेगी और अजय का भी। मीणा कहती है तुम्हरे दामाद और अनु बहुत ज्यदा हांसी मजाक करते है। बहुत बाते करते है दामाद जी तुम्हारे जो है वो बात बात पर मुझे पुकारा करते थे अब तो अनु अनु बोलते उनके मुह नहीं थकते है।

बात बात पर ये भी कहते है की साली नहीं ये आधी घरवाली है ऐसे शिकायत अपनी माँ से मीणा करती है। की वो सुनती है और हासने लगती है वो बेटा ये सब मजाक करते होंगे या तुम्हारे को चिढाने की कोशिश करते होंगे। नहीं माँ मुझे तो भरोषा नहीं है बस तुम भी आ जाओ।

माँ कहती है ठीक है नोवा महिना चल रहा है मै कुछ दिन में आ जाउंगी वैसे भी अनु की बस की बात नहीं है। छोटा बच्चा को संभलना। मुझे तो आना ही होगा कुछ ही दिनों में मीणा की माँ और पापा दोनों आ जाते है। घर का माहोल और खुशनुमा हो जाता है माँ को देखकर अनु तो जैसे की उछल पड़ती है।           

कहती है माँ आई मिस यू कितने दिन से मै आपको मिस कर रही थी माँ कहती है अच्छा वहा रहती है तो दीदी को मिश करती है। और यहाँ होती है तो माँ को, अनु कहती है हां माँ तुम दोनों तो मेरी जान हो दीदी भी मेरे लिए माँ समान है और तुम तो मेरी दीदी जैसे दोस्त हो।

और ये कहकर अनु बहुत खुश हो जाती है और आज अनु को लग रहा है की आज मेरा पूरा परिवार मेरा आसपास है। वो सबके लिए चाय बनाती है, नास्ता बनती है और सबका ख्याल रखती है।

देखते ही देखते मीणा ने एक छोटे से सुन्दर बच्चे को जन्म दिया और घर का माहोल बदल गया। एक छोटा-सा बच्चा घर पर आ जाने के बाद मीणा के स्वभाव में बदलाव आ गया। वो अब माँ बन चुकी है और अजय ने मीणा को थैंक्यू बोलते नहीं थक रहा है। हर वक्त अजय सब कुछ छोड़कर बच्चे के साथ ही समय बिता रहा है।

ऑफिस से भी अब जल्दी आ जा रहा है जितने भी देर अजय घर में होते है बस बच्चे के पास ही बैठे रहते है। बच्चे को गोद में लेकर मीणा को ये देखकर बहुत ही ख़ुशी होती है। अब ध्यान से देखा रही है मीणा की अब अनु अनु करना अजय बंद कर दिया है।

समय आ ही गया अनुराधा और उसकी माँ और पापा को घर से विदा लेने की, माँ कहती है मीणा तू अब अपनी गृहस्ती संभाल और अपने ससुराल से भी किसी को माँगा ले मदद के लिए मुझे और तेरे पितजी को और अनुराधा को जाना होगा। मीणा कहती है माँ मै नहीं रोकूंगी क्योंकि वहा पर भईया अकेले है और उन्हें खुद खाना बनाकर खाना पड रहा है।

अनुराधा मीणा से गले लग जाती है कहती है की दीदी तुम्हारे साथ इतना समय बिताकर मुझे बहुत अच्छा लगा। मीणा ध्यान से देख रही है की अनुराधा जाते वक्त अजय के साथ कैसा व्यवहार करती है सच में उसके मन में कुछ है तो नहीं।

जाने लगती है तो अनुराधा अपने जीजा के पाव छूकर प्रणाम करती है अजय कहता है ये क्या कर रही हो अनुराधा कहती है जीजा जी मुझसे इतने दिनों में कोई भी भूल हो गयी हो तो छोटी बहन समझ कर माफ कर देना। मै युही तुमसे मजाक किया करती हु, अजय कहता है छोटी बहन समझने की जरुरत नहीं है अनु तुम सच में मेरी छोटी बहन ही हो।

ये सब सुनकर मीणा हेरान हो जाती है और अजय कहता है हाँ आधी घरवाली और साली तो मै युही मजाक में कहता हु। पर मेरे लिए जैसे मेरी छोटी बहन सुप्रिया जैसे है बिल्कुल तुम भी हो और तुम्हारे लिए भी जल्द एक अच्छा लड़का दूंढ कर तुम्हारा शादी करवा देंगे।     

अनु हाँसने लगती है और कहती है हां जीजा जी आप मेरे लिए मेरे पिता समान है। आप जो भी लड़का देखेंगे मुझे स्वीकार होगा ऐसा कहकर वो अच्छे से विदा लेती है घर से, मीणा और अजय   अनुराधा को बहुत सारे गिफ्ट और कपडे देते है।

अनुराधा अपनी माँ और पापा के साथ चली जाती है अनुराधा को भेजकर मीणा के मन में बहुत शक पैदा होता है। की वो अपने बहन और अपनी पति के रिश्ते को शायद नहीं समझ पाई। और हंसी मजाक अपनी जगह है उसकी बहन बहुत ही चंचाल थी।

इसलिए अजय जब उससे कुछ मजाक करता था तो उसका जवाब भी मजाक में ही देती थी। और जब शुरू से ही चंचाल हैम, छेड़छड करने वाला लड़का है वो युही साली के साथ साली मेरी घरवाली जैसे शब्द का प्रयोग करता था।

लेकिन उसे आज समझ में आया की कितना अच्छा पति है, अच्छा पति भी है और एक बहुत अच्छा पिता भी मिल गया है। ये सब बाते अजय से कहती नहीं है लेकिन मन ही मन में रखती है।

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