ये एक ऐसा शख्ससियत है जिनमे हिंदुस्तान में हर उम्र के लोगो ने प्यार दिया। बड़े इन्हें भीष्म पितामा के रूप में पूछते है तो वाही बच्चे शक्तिमान कहकर प्यार देते है। 90 के दशक का दोर और रविवार की सुबह और दूरदर्शन पर शक्तिमान का नाम ये बचपन की कुछ ऐसी सुनहरी यादे है जिनमे एक बार फिर से जाने का मान करता है।
मुकेश खन्ना का जन्म 23 जून 1958 को महाराष्ट्र मुंबई में ही हुआ। इनके परिवार की जाड़े वैसे तो पाकिस्तान से है लेकिन बाद में इनके पिताजी मुंबई चले आये। जहा पर उन्होंने कपड़ो के डाई एंड प्रिंटिंग की एक फैक्ट्री खोल दी। इस तरह से इनका पूरा परिवार मुंबई में ही शेटल हो गया।
आपको ये जानकर आश्चर्य होगा की मुकेश खन्ना जी का सपना एक एक्टर बनने का नहीं बल्कि एक इंजिनियर बनने का था। मुकेश जी ने साइंस में ग्रेजुएशन करने के बाद कानपूर के इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला के लिए आवेदन किया परंतु दुर्भग्यावश इनका दाखिला नहीं हो पाया।
इसके बाद इनके बड़े भाई जग्गी खन्ना जो खुद इंडियन पीपुल्स थिएटर एसोसिएशन से जुड़े हुए थे। उन्होंने मुकेश जी को लॉ करने का सलाह दिया दरशल जग्गी खन्ना का सपना था की मुकेश एक एक्टर बने साथ ही उन्होंने मूकेश जी को लॉ कॉलेज के थिएटर ग्रुप से जुड़ने के लिए सलाह दी।
मुकेश जी की पढाई पूरी करने के बाद एक लॉयार तो नहीं बन पाए लेकिन एक एक्टर जरुर बन गए। मुकेश जी अपने एक्टिंग स्किल्स को और निखारना चाहते थे इसलिए उन्होंने पुणे फिल्म इंस्टिट्यूट ज्वाइन कर लिया। जहा नसीरुद्दीन शाह जैसे अभिनेता इनके बेस्ट फ्रेंड रहे।
मुकेश जी अपने स्किल्स को तो इम्प्रूव तो किया ही साथ में इन्होने अपनी आवाज पर भी जमकर मेहनत की। इनका मानना है की अभिनय में सात प्रतिशत आपकी आवाज मान्य रखती है। मुकेश जी की एक और बड़े भाई वेद खन्ना फिल्म प्रोडूसर थे। मुकेश जी चाहते तो वो अपने बड़े भाई की फिल्मो में आसानी से काम मिल जाता।
यहाँ तक की उन्होंने अपना फिल्म “इन्सान” में मुकेश जी को बतोर हीरो बनने का ऑफर भी दिया लेकिन मुकेश जी ये नहीं चाहते थे की भाई की अपने फिल्म से बॉलीवुड में शुरुआत करू। इसी दोरान मुकेश जी को फिल्म मिली “खुनी” जिसके डायरेक्टर थे नरेन्द्र बेदी। इस फिल्म की शूटिंग के दोरान भी मुकेश जी करीब 15 फिल्मो का ऑफर मिल गया।
और इधर खुनी फिल्म की शूटिंग के दोरान नरेन्द्र बेदी जी की मृत्यु हो गयी। बाद में फिल्म तो पूरी हुई लेकिन रिलीज नहीं हो पाया हलाकि कुछ समय पहले इसका नेगेटिव राइट्स लेकर अखरी संघर्स के नाम से रिलीज किया गया।
मुकेश खन्ना की पहली फिल्म जो की रिलीज हुई थी वो थी रूही और फिल्म रूही के बाद इनकी चार और फिल्मे रिलीज हो गयी लेकिन दुर्भाग्य से उन सारे फिल्मे बॉक्स ऑफिस पर असफल साबित हुई।
और निर्माता और निर्देशको ने मुकेश जी की तरफ से अपना मुह मोड़ लिया और उस दोरान एक अफवाह और फ़ैल गयी की मुकेश खन्ना अमिताभ बच्चन की नक़ल करते है। इसके बाद दो साल तक किसी भी फिल्म में काम नहीं मिला।
मुकेश जी कहते है की मै दो साल तक गुमनाम में रहा लेकिन किसी से काम मांगने नहीं गया। इसी दोरान इन्हें एक दिन गुफी पेंटल का फ़ोन आया। जो की महाभारत के कास्टिंग डायरेक्टर थे इन्होने कहा की वि.आर चोपड़ा महाभारत बना रहे है हमें उन एक्टर्स की जरुरत है जो की कद में लंबे है।
मुकेश जी क्या तुम कम करोगे और मुकेश जी का महाभारत से लगाव तो बचपन से ही था और उन्हे बिना ज्यदा कुछ सोचे हां कह दी। मुकेश खन्ना जब गुफी पेंटल से मिले तब उनसे पूछा कोन सा रोल दोगे। तब गुफी ने कारण या अर्जून का किरदार देने को कहा।
वी.आर चोपड़ा ने गुफी से बात की तो गुफी ने मुकेश खन्ना को कहा चोपड़ा साहब तुम्हे दुर्योधन का किरदार देना चाहते है लेकिन मुकेश खन्ना ने नेगेटिव रोल करने से माना करते हुए कहा की अन्दर से विलेन का किरदार महसूस नहीं होता।
चुकी कर्ण का रोल अकाल धीर और अर्जून का रोल फिरोज खान को मिल गया था। इसलिए मुकेश खन्ना के लिए अब ये दोनों किरदार भी नहीं रहे। अगली बार गुफी पेंटल को मुकेश खन्ना को फिर से बुलाया और द्रोणाचार्य के लिए राजी हो गया।
और जब मुकेश जी के घर वालो को पता चला की द्रोणाचार्य का रोल कर रहे है तो उन्होंने कहा तुम पागल हो गया है क्या दुर्योधन जैसे किरदार को छोड़कर द्रोणाचार्य का किरदार कर रहा है। लेकिन वो इस बात पर अड़ी रही और मुकेश खन्ना द्रोणाचार्य बनकर मुहरत में शामिल हो गया था।
और सेट पर भारत का किरदार निभा रहे राज बब्बर ने पूछा मुकेश आप क्या कर रहे हो तब मुकेश जी ने कहा अभी तक तो द्रोणाचार्य और उस समय भीष्म का किरदार हिंदी सिनेमा के किरदार जाने मने कलाकार विजेंद्र घाट की कर रहे थे।
जब वो उनको पता चला की उनको इस सीरियल में लंबे समय तक एक वृद्ध आदमी का किरदार निभाना पड़ेगा तो अंत में उन्होंने माना कर दिया।
और इस तरह से मुकेश खन्ना को अंतिम मोके पर द्रोणाचार्य का स्थान पर भीष्म के कपडे पहनाकर दिखा गया। की वे इस रोल में फिट हो रहे है या नहीं शायद इनके भाग्य में पितामह का रोल दे दिया।
भीष्म पितामह के चरित्र का असल जीवन मुकेश जी का असर ऐसा पड़ा की आज भी इन्होने आजीवन अविवाहित रहने का फैसला ले लिया। महाभारत टीवी सीरिज पूरी दुनिया में हिट हुई और लोगो के मस्तिस्क में मुकेश खन्ना की दाढ़ी वाले भीष्म पितामह की छवि मन में बैठ गयी।
और इन्हें फिल्मो में ऐसे ही रोल ऑफर हुए या तो इन्हें विलेन का रोल ऑफर होता था फिर हीरो के बाप का,नेगेटिव रोल मुकेश खन्ना जी करना नहीं चाहते थे इसलिए इन्होने वो बूढ़े व्यक्ति का किरदार निभना ही उचित समझा और कुछ फिल्मो में इन्होने पुलिस वाला भूमिका नही अदा की।
फिल्म तहलका में इनके मेजर किशन राव के किरदार को आज भी सराहा जाता है तो वाही फिल्म “यादगार” में इन्होने अपने से करीब 20 साल बड़े फिरोज खान के पिता का किरदार निभाए। मुकेश खन्ना अपनी इस दाढ़ी की छवि से बहार निकलना चाहते थे।
इसलिए उन्होंने सोचा की कुछ नया किया जाए और तब उन्होंने अपने प्रोडक्शन हाउस भीष्म इंटरनेशनल के बेनर तले शक्तिमान का निर्माण किया। आपको ये भी जानकर आश्चर्य होगा की मुकेश खन्ना को शक्तिमान बनने का विचार 1983 के दोरान ही आया था।
जब ये फिल्म “दर्द ए दिल” की शूटिंग कर रहे थे तो शक्तिमान को एक फिल्म के रूप में बनाने का सोचा था। बाद में इन्होने एक सब्जेक्ट पर गहन अध्यान किया तो कांसेप्ट बड़ा होता चला गया। और इस तरह शक्तिमान एक टेलीविजन सीरिज के रूप में लोगो के सामने आया।
और देखते ही देखते शक्तिमान ने इतिहास रच दिया बच्चे तो बच्चे बड़े भी इस धारवाहिक को बड़े ही चाव से देखते थे। बाद में इस धारवाहिक पर विवाद भी हुआ बहुत जगहों पर से ऐसी खबरे आई की बच्चे देखकर खतरनाक स्टंट करने लगे है।
जैसे की छत से कूदना की शक्तिमान उन्हें बचाने आयेंगे और मुकेश खन्ना ने इसकी गहन जाच करवाई। उन्होंने ऐसी अफवाह फ़ैलाने वाले न्यूज़ एजेंसी के खिलाफ केस भी किया और इसी बीच दूरदर्शन से भी इनकी अनबन हो गयी।
और मजबूरन इन्हें इस सीरिज को बंद करना पड़ा,20 साल से ज्यादा हो चुके इस धारवाहिक को आये लेकिन अब भी इनका प्रशारण किसी न किसी टीवी चैनल पर होता ही रहता है।
शक्तिमान ने हर दोर के बच्चो के दिलो में अपनी खास जगह बनायीं हुई है अभी हाल ही में मुकेश खन्ना ने बताया की वे शक्तिमान को फिर से लाने वाले है। और इसी के साथ शक्तिमान में क्या बदलाव किया जायेगा ये तो वक्त ही बतायेगा।
लेकिन मुकेश खन्ना के चाहने वालो की दिलो में ऐसे ही बसते रहेंगे और भीष्म इंटरनेशनल के नाम से एक यूट्यूब चैनल भी है जहा ये अपने दर्शको के साथ काम के विषय पर चर्चा करते रहते है। तो दोस्तों उम्मीद करता हु की ये स्टोरी मुकेश खन्ना की जरुर पसंद आई होगी आप अपने दोस्तों से शेयर जरुर करे।