इस ब्लॉग में बात करने वाले है भारत के सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिन्हें हमें देश की राजनीती की वजह से आप प्यार करे या फिर नफरत लेकीन इनके कारणों को अनदेखा नहीं कर सकते। दोस्तों वैसे तो मोदी जी का जीवन बहुत ही साधारण तरीके से शुरु हुआ मगर अपनी देशभक्ति अपने जज्बे और अपनी मेहनत के दम पर इन्होने एक ऐसी सफलता हासिल की जिसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता।
ये एक बेहद ही गरीब परिवार में पैदा हुए अपनी बचपन की दिनों में बच्चे खेलने कूदने में अपना समय व्यतीत करते थे। तब इन्होने अपनी घर की आर्थिक स्थिति सहयता के लिए पिता की दुकान पर हाथ बटाए करते थे।
और ट्रेन के डिब्बो में जाकर चाय बेची लेकिन दोस्तों आपके अन्दर अपने देश के लिए कुछ कर जाने की इच्छा हो न हो तो कोई भी लक्ष्यकठिन नहीं लक्ष्य होता।
जन्म के समय इनका पूरा परिवार बहुत ही गरीब था और एक छोटी सी कच्चे मकान में रहते थे। नरेंद्र मोदी अपने माता पिता के कुल 6 संतानों में तीसरे पुत्र है। मोदी के पिता रेलवे स्टेशन पर चाय की एक छोटी सी दुकान चलाते है। जिससे नरेंद्र मोदी उनका हाथ बटाते थे और रेल के डिब्बो में जाकर चाय बेचते थे।
लेकिन हा चाय की दुकान सँभालने के साथ साथ उन्हें पढाई लिखाई का भी पूरा ध्यान रखते थे। लेकिन वो नाटको और भाषणों में जाकर हिस्सा लेते थे। और इन्ही खेल कूद में भी बहुत दिलचस्पी रखते थे। इन्होने अपनी स्कूल की पढाई वडनगर से पूरी की।
और सिर्फ़ 13 साल की उम्र में नरेंद्र मोदी की सगाई यशोदा बेन चमन लाल से शादी कर दी गयी। और फिर 17 साल की उम्र में इनकी शादी हो गयी। फयन्नेंसियल एक्सप्रेस न्यूज़ के अनुसार नरेंद्र मोदी और यशोदा ने कुछ वर्ष साथ रहकर बिताये।
लेकिन कुछ समय बाद नरेंद्र मोदी के इच्छा से ये दोनों एक दुसरे के लिए अनजानी हो गए। लेकिन नरेंद्र मोदी के जीवन लेखक ऐसे नहीं मानते है।
इनका मानना है की इन दोनों की शादी जरुर हुई लेकिन ये दोनों एक साथ कभी नहीं हुए। शादी के कुछ वर्षो बाद नरेंद्र मोदी जी ने घर छोड़ दिया और एक तरह से इनका विवाहित जीवन लगभाग समाप्त हो गया।
नरेंद्र मोदी का मानना है की शादी शुदा के मुकाबले अविवाहित व्यक्ति भ्रस्टाचार के खिलाफ ज्यदा जोरदार तरीके से लड़ सकता है।
क्योंकि इसे अपनी पत्नी,परिवार और बल बच्चो की कोई चिंता नहीं है बचपन से ही मोदी देशभक्ति कूट कूट कर भरी है। 1962 में जब भारत चीन युद्ध हुआ था उस समय मोदी रेलवे स्टेशन पर जवानो से भारी ट्रेनों में खाना और चाय लेकर जाते थे। 1965 में भारत पाकिस्तान युद्ध के समय मोदी ने जवानो की खूब सेवा की थी।
उसी समय मोदी जी ने एक किताब भी लिखी थी जिसका नाम संघर्स मा गुजरात था। इस किताब में इन्होने गुजरात की राजनीती के बारे में चर्चा की और इन्होने आर.एस.एस के प्रचारक रहते हुए 1980 गुजरात विश्व विद्यालय से राजनीती में पीजी की डिग्री प्राप्त की। आर.एस.एस में बेहतरीन काम को देखते हुए भाजपा में नियुक्त किया गया।
जहा इन्होने 1990 में अडवाणी की रथ यात्रा का भव्य आयोजन किया। जिसमे भाजपा के सीनियर्स लीडर काफी प्रभावित हुए।
और आगे भी इनके अद्भुत कार्य के बदोलत भाजपा में इनका महत्व बढ़ता रहा। आखिरकार मोदी के मेहनत रंग लायी और पार्टी ने गजरता 1995 के विधानसभा चुनाव में बहुमत में अपनी सरकार बना दी।
और उसके बाद केसू भाई पटेल को गुजरात का मंत्री बना दिया गया। और नरेंद्र मोदी को दिल्ली बुलाकर भाजपा में सांगठन में केन्द्रीय मंत्री का जिम्मेदारी दिया गया। मोदी जी ने इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाया 2001 में केसू भाई पटेल की सेहत बिगड़ने लागी।
और भाजपा चुनाव में कई साईट भी हर गयी इसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने अक्टूबर 2001 में केसू भाई पटेल की जगह नरेंद्र मोदी को गुजरात के मुख्यमंत्री के कमान शॉप दी।
नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री का अपना पहला कार्यकाल 7 अक्टूबर 2001 से शुरु हुई इसके बाद मोदी ने राजकोट विधानसभा चुनाव लड़ा जिसमे इन्होने कांग्रेस पार्टी के अश्विन मेहता के बड़े अंतर से मत दी। मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए मोदी ने अपने बहुत ही अच्छे तरीके से अपने कार्यो को संभाला। और गुजरात को फिर से मजबूत कर दिया।
इन्होने गाव गाव तक बिजली पहुचाई और टूरिज्म को बढ़ावा दिया जिसमे पहली बार इसी राज्य के सभी नदियों को एक साथ जोड़ा जिससे पुरे राज्य में पानी की समस्या सॉल्व हो जाए। और एशिया के सबसे बड़े सोलर पॉवर का निर्माण गुजरात में ही हुआ। और इन सब के आलावा भी इन्होने बहुत सारे अद्भुत कार्य किए।
और दोस्तों देखते ही देखते गुजरात को भारत का सबसे बेहतरीन राज्य बना दिया। और वह खुद गजरात का सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री बन गए। लेकिन उसी बीच मार्च 2002 में गुजरात के कांड से नरेंद्र मोदी का नाम जोड़ा गया। इस कांड के लिए न्यूयार्क टाइम्स ने मोदी प्रशासन को जिम्मेदरी ठहराया।
और फिर कांग्रेस सहित अनेक विपछी दलों ने इनके इस्तीफे के मांग की दोस्तों गोधरा कांड में 27 फरवरी 2002 को गुजरात के गोधरा नाम के शहर में रेलवे स्टेशन पर साबरमती ट्रेन की 5 से 6 कोच में आग लगाये जाने के बाद करीब 60 लोगो की मोत हो गयी थी। जिसके बाद पुरे भारत में सांप्रदायिक दंगे होना शुरु हो गए।
और फिर 28 फरवरी 2002 को गुजरात के कई इलाको में दंगा बहुत ज्यदा भड़क गया। इसमें करीब 1200 से भी ज्यदा लोग मरे गए इसके बाद इस धरना की जाच उच्चतम नय्यालय ने विशेष जाच दल बनायीं। और फिर दिसम्बर 2010 में जज दल के कोर्ट के आधार पर फैसला सुनाया।
इन दंगो नरेंद्र मोदी की खिलाफ कोई ढोस साबुत नहीं मिला नरेंद्र मोदी ने गुजरात के कई ऐसे हिन्दू मंदिरों को धोवस्त कराने में थोडा सा भी नहीं सोचा। की सरकारी क़ानूनी कायदों के मुताबिक नही बने थे हलाकि इसके लिए इन्हें विश्व हिन्दू परिषद् जैसे संगाठनो का विरोध झेलना पड़ा, लेकिन इन्होने थोड़ी सी भी परवाह नहीं की।
और देश के लिए जो सही था उसी काम को करते इनकी अच्छी डिसीजन और कार्यो की वजह से गुजरात के लोगो ने मोदी को चार बार लगातार अपना मुख्यमंत्री बनाया।
और गुजरात मोदी की सफलता को देखकर बीजेपी नेताओं ने इन्ही को 2014 के लोकसभा चुनाव का प्रधनमंत्री उम्मीदवार घोषित किया। जिसके बाद मोदी ने पुरे भारत को बहुत सारी पार्टिया रेलिया की। और साथ ही साथ इन्होने सोशल मिडिया का भी भरपूर लाभ उठाया।
और लाखो लोगो तक अपनी बात को राखी मोदी के अद्भुत विकासशील कार्य इनकी प्रेरणादायक भाषण देश के लिए इनका प्यार और इनका सकारात्मक सोच की वजह से इन्हें भरी मात्रा में वोट मिले। और ये भारत के 15 वे प्रधानमंत्री बने तो दोस्तों नरेंद्र मोदी एक बहुत ही मेहनती इंसान है 18 घंटे काम करते और कुछ ही घंटे सोते है।
दोस्तों मोदी जी का कहना है की कड़ी मेहनत कभी थकन नहीं लती वह तो बस संतोष था,नरेंद्र मोदी शुद्ध शाकाहारी है और नवरत्न में 9 दिन तक उपवास रखते है।
इनका कहना है की मेरे पास अपने बाबा दादा की न ही एक पाई है और न ही मुझे चहिये मेरे पास आगर कुछ है तो अपनी मा का दिया हुआ आशीर्वाद। उम्मीद करता हु की दोस्तों ये स्टोरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी जरुर पसंद आई होगी तो आप अपने दोस्तों से शेयर जरुर करे।