क्रिया किसे कहते हैं?
जिन शब्दो से किसी कार्य को करने अथवा किसी स्थिति के होने या बदलने का बोध हो, उसी को हम क्रिया कहते है।
प्रेरणार्थक क्रिया या प्रेरणार्थक शब्द किसे कहते हैं?
जब हम कोई कार्य करते है तो वह क्रिया होती है। ओर अगर इसी कार्य को कार्य के रूप मे लाने के लिए हम किसी की सहायता लेते है, तो वह उसे हम प्रेरणार्थक क्रिया कहते है।
प्रेरणार्थक क्रिया दो प्रकार के होते हैं?
प्रथम प्रेरणार्थक क्रिया:
जब हम स्वयं कोई कार्य को करे वह क्रिया क्रिया कहलाती हैं। ओर अगर हम किसी ओर को प्रेरणा देकर करवाए तो उसे प्रथम प्रेरणार्थक क्रिया कहते है।
द्वितीय प्रेरणार्थक क्रिया:
यदि हम किसी से कहलवाकर किसी तीसरे व्यक्ति से कार्य करवाए तो वह द्वितीय प्रेरणार्थक क्रिया कहलाती है।
याद रखे
मूल धातु के अंत मे यदि ”आ” जोड़े तो प्रथम प्रेरणार्थक क्रिया बनेगी। ओर अगर मूल धातु के अंत मे “वा” को जोड़ दिया जाए तो वह द्वितीय प्रेरणार्थक क्रिया बन जाएगी।
जाने: प्र विशेषण किसे कहते हैं?
जैसे:
मूल धातु- चलना
क्रिया- चलना
प्रथम प्रेरणार्थक क्रिया- चलाना
द्वितीय प्रेरणार्थक क्रिया- चलवाना
जैसे:
मूल धातु- लिखना
क्रिया- लिखना
प्रथम प्रेरणार्थक क्रिया- लिखाना
द्वितीय प्रेरणार्थक क्रिया- लिखवाना
जैसे:
मूल धातु- मिलना
क्रिया- मिलना
प्रथम प्रेरणार्थक क्रिया- मिलाना
द्वितीय प्रेरणार्थक क्रिया- मिलवाना
जैसे:
मूल धातु- भेजना
क्रिया- भेजना
प्रथम प्रेरणार्थक क्रिया- भिजना
द्वितीय प्रेरणार्थक क्रिया- भिजवाना
जैसे:
मूल धातु- देना
क्रिया- देना
प्रथम प्रेरणार्थक क्रिया- दिलाना
द्वितीय प्रेरणार्थक क्रिया- दिलवाना
जैसे:
मूल धातु- रोना
क्रिया- रोना
प्रथम प्रेरणार्थक क्रिया- रुलाना
द्वितीय प्रेरणार्थक क्रिया- रुलवाना
जैसे:
मूल धातु- धोना
क्रिया- धोना
प्रथम प्रेरणार्थक क्रिया- धुलाना
द्वितीय प्रेरणार्थक क्रिया- धुलवाना
जैसे:
मूल धातु- सीना
क्रिया- सीना
प्रथम प्रेरणार्थक क्रिया- सिलाना
द्वितीय प्रेरणार्थक क्रिया- सिलवाना
जैसे:
मूल धातु- सीखना
क्रिया- सीखना
प्रथम प्रेरणार्थक क्रिया- सिखाना
द्वितीय प्रेरणार्थक क्रिया- सिखवाना
जैसे:
मूल धातु- बाटना
क्रिया- बाटना
प्रथम प्रेरणार्थक क्रिया- बटाना
द्वितीय प्रेरणार्थक क्रिया- बटवाना
जैसे:
मूल धातु- जाँचना
क्रिया- जाँचना
प्रथम प्रेरणार्थक क्रिया- जँचाना
द्वितीय प्रेरणार्थक क्रिया- जँचवाना