सबसे पहले रामायण किसने लिखा था: सबसे पहले रामायण को वाल्मीकि द्वारा लिखी वाल्मीकि रामायण है। लेकिन ऐसा नहीं है, एक कथा के अनुसार वाल्मीकि द्वारा लिखी ये दूसरी वाल्मीकि रामायण है।
पहली रामायण हनुमान जी के द्वारा लिखित हनुमान रामायण है। जो की प्रभु श्री राम लंका पर विजय प्रप्त करके वापस अयोध्या आए ओर राजपाठ करने लगे। तब हनुमान जी प्रभु श्री राम की आज्ञा के अनुसार हिमालय पर्वत के पास ही जाकर रहने लगे।
ओर एकांत जगह मे बेठकर इन्होने एक शिलाखंड पर रामायण की रचना की। जब वाल्मीकि द्वारा लिखित रामायण पूर्ण हो गयी तो अपनी रामायण भगवान शिव को समर्पित करने के लिए उस वक्त उनके पास गए।
तब इन्होने देखा की हनुमान जी अपनी शिला पर लिखित रामायण लेकर पहले से ही वह मौजूद है । उन्हे देखकर वाल्मीकि बड़े ही व्याकुल हो गए ओर वहा से फिर जाने लगे।
उसके बाद हनुमान जी ने वाल्मीकि की व्याकुलता का करन पूछा तो फिर वाल्मीकि जी ने इन्हे बताया की मैंने बड़ी ही मेहनत से इस रामायण की रचना की है।
लेकिन आपके द्वारा लिखित रामायण के सामने ये तो कुछ भी नहीं है। ऐसा कहकर वाल्मीकि जी उदास हो गए तब हनुमान जी ने उस शिलाखंड को जिस पर इन्होने रामायण लिखी थी, वो एक कंधे पर रखा ओर दूसरे कंधे पर वाल्मीकि जी को बेठाकर समंदर किनारे उड़ते हुए ले गए।
और वहां जाकर शिला को समंदर मे फेक दिया हनुमान जी को ऐसा करते हुए वाल्मीकि जी बहुत ही ज्यदा प्रसन्न हो गए। ओर इन्होने हनुमान जी से कहा की तुम तो बहुत ही बड़े दयावान हो।
ओर मुझे अगले जन्म मे मानव द्वारा समझने वाली लिपि मे रामायण लिखने के लिए पुनः जन्म लेना होगा। ऐसा कहते है की तुलसीदास जी जिन्होने की रामचरित मानस लिखी, वे वाल्मीकि जी के ही अवतार ही थे।
तुलसीदास जी ने हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए सबसे पहले हनमान चालीसा लिखी ओर उसके बाद रामचरित मानस लिखी। तो उम्मीद करता हु की आपको यह जानकारी मिल गयी होगी की आखिर सबसे पहले रामायण किसने लिखा था।
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