दोस्तों भारत दुनिया का सबसे लोकप्रीय देश है और पर सरकार को जनता के दवारा वोट देकर चुना जाता है। और यु तो भारत के अन्दर समय समय पर एक से बढ़कर एक राजनेता होते रहे है।
लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी को हराकर स्मृति ईरानी ने बड़ा कारनामा कर दिखाया। क्योंकि खासकर अमेठी में कांग्रेस को हराना लगभग नामुमकिन मना जाता रहा है।
और दोस्तों आज के इस ब्लॉग में राजनीति के बड़े उलटफेर करने वाली स्मृति ईरानी के ऊपर ही है जो की पहले तो मॉडल,टेलीविजन एक्ट्रेस और प्रोड्यूसर के तोर पर काम की लेकिन इन्हें असल पहचान मिली राजनीति में कदम रखने के बाद।
और दोस्तों यु तो हम सभी यही जानते है की एक एक्ट्रेस से स्मृति रानी राजनेता बन गयी। लेकिन सच्चाई इसके बिलकुल ही विपरीत है।
क्योकि इनके परिवार के कई सारे लोग लम्बे समय के 90 के दशक से ही इस क्षेत्र में काम कर रहे है। और दोस्तों आज के इस ब्लॉग में भी स्मृति ईरानी की पूरी कहानी के जरिये जानने की कोशिस करेंगे।
तो दोस्तों इस कहानी की शुरुवात होती है 23 मार्च 1976 से जब भारत की राजधानी दिल्ली में स्मृति ईरानी का जन्म हुआ। इनके पिता का अजय कुमार मल्होत्रा था वाही इनकी माँ का नाम शिबानी ।
और दोस्तों जैसे की मैंने पहले ही बताया की स्मृति का बचपन पूरी तरह से राजनीती से ही घिरा हुआ था। क्योंकि इनके दादा आर.एस.एस तो वही इनकी माँ जनसंघ पार्टी से जुडी हुई थी।
और आपने फेमली मेंबर को ही देखते हुए स्मृति के अन्दर भी राजनीती के गुण शुरू से ही दिखाई देने लागे थे। हलाकि स्मृति को बचपन से ही एक्टिंग का काफी शोक था।
और बह बड़ी होकर एक एक्ट्रेस बनना चाहती थी और दोस्तों होली चाइल्ड एक्सीलियाम स्कूल से ही अपनी बारहवी तक की पढाई की।
और फिर स्कूल ऑफ़ ओपन लर्निंग, दिल्ली यूनिवर्सिटी से इन्होने बी.काम में एडमिशन ले लिया। हलाकि उस समय इन्होने पढाई तो बीच में ही छोड़ दी थी।
लेकिन 2014 के इलेक्शन के दोरान स्मृति ने बताया की बेचलर आफ आर्ट्स की डिग्री राखी। और इसके पास क्वालिफिकेशन को लेकर लोकसभा में भी कई सारे विवाद खड़े हुए थे।
और दोस्तों जब इन्होने बी.कॉम की पढाई बीच में ही छोड़ दी थी तो एक एक्ट्रेस बनने का खाव्ब लेकर मुंबई शिफ्ट हो गयी।
और यहाँ आकर इन्होने सबसे पहले मॉडलिंग से शुरुआत की और फिर मिश इंडिया 1998 के ब्यूटी कांटेस्ट में भी इन्होने पार्टिसिपेट किया।
हलाकि इस कांटेस्ट को जीत तो नहीं पाई लेकिन कही न कही लोगो में स्मृति ईरानी आपना पहचान बनाने में कामयाब रही।
और फिर इसी के बदोलत मिका सिंह के गाने में इन्हें काम करने का मोका मिला। और दोस्तों आगर देखा जाये की स्मृति ईरानी की डेब्यू की टीवी शो को तो वो था आतिश।
जिसमे की वो साल 2000 में काम किया और फिर इसके बाद भी स्मृति ईरानी ने कबिता,हम है कल आज और कल की तरह ही कई सारे और टीवी शो में काम किया। लेकिन इन्होने एक्टिंग के फिल्ड में जिस शो के जरिये इन्हें आलग पहचान मिली जिसका नाम था क्योंकि सास भी कभी बहु थी।
दरशल यह शो सात सालो के लम्बे समय तक चला था और इस शो में स्मृति ईरानी लीड रोल निभा रही थी।
हलाकि इस शो को करने के दोरान ही स्मृति राजनीती में कुछ बड़ा करना चाहती थी और इसलिए 2003 में इन्होने बीजेपी ज्वाइन किया।
और फिर 2004 में कपिल सिब्बल के खिलाफ दिल्ली के चांदनी चोक सीट से उतारा गया लेकिन स्मृति यह चुनाव हर गयी।
हलाकि इसके बाद भी 2004 से लेकर 2014 तक इन्हें बीजेपी के अन्दर ही अलग अलग पदों पर काम शोपा जाता रहा जैसे की 2010 में नेशनल सेक्रेट्री आफ बीजेपी।
आल इन्डिया प्रीसीडेंट आफ बीजेपी महिला मोर्चा और मेंबर आफ पार्लियामेंट फ्रॉम गुजरात के तरह ही कई।
हलाकि 2014 के लोकसभा चुनाव में इन्हें बीजेपी की सबसे कठिन शीट अमेठी से एक बार फिर राहुल गाँधी के के विपछ में उतरा गया।
लेकीन यहाँ एक बार फिर से बीजेपी को कामयाबी दिलाने से चुक गयी। लेकिन यहाँ पर सरकार बीजेपी की ही बनी लेकिन इस कठीन सीट पर हर के बाद भी स्मृति ईरानी को एच.आर.डी मिनिस्टर का पद दिया गया।
हलाकि इस पद पर स्मृति ईरानी के खिलाफ विपछ ने काफी सारे सवाल उठाये लेकिन स्मृति ईरानी आपना काम बखूबी करती रही।
और फिर इन्हें मिनिस्ट्री ऑफ टेक्सटाइल्स और मिनिस्ट्री आफ इन्फोरमेशन एन्ड ब्रॉड कास्टिंग के पद भी दिए गए।
और 2019 में जब दुबारा चुनाव हुए तो एक बार फिर से स्मृति को अमेठी से ही शीट दिया गया। और इस बार इन्हें भारत की राजधानी में तहलका मचा दिया।
क्योंकि जिस शीट पर पहले कई दशको से कोई नही कांग्रेस को हरा नहीं पा रहा वहा से स्मृति ईरानी ने प्रिसीडेंट आफ इन्डियन नेशनल कांग्रेस राहुल गाँधी को हरा दिया।
और दोस्तों इस तरह से पिछले कई सालो से चुनाव में पराजय के बाद से ही स्मृति ईरानी ने हर नहीं मानी और यह वजह है की इन्होने अमेठी जैसे सिट जीतकर दिखाई।
वाही अगर स्मृति ईरानी की पर्सनल लाइफ की बात करे तो 2001 में वह बचपन के दोस्त जुबिन ईरानी से स्मृति को एक लड़का और लड़की मिली। तो दोस्तों यह थी कहानी अमेठी की संसद स्मृति ईरानी की उम्मीद करते है यह कहानी आपको जरुर पसंद आई होगी।