सोनोग्राफी से पता लगाए की पेट मे लड़का है: अगर आप सोचते होंगे की सोनोग्राफी से तुरंत लड़का के बारे पता चल जाता है तो बिल्कुल भी ऐसा नहीं है। इसमे बहुत सी चीजो को डॉक्टर के द्वारा देखना पड़ता है कभी कभी तो डॉक्टर भी सही से समझ नहीं पते है।
जब भी आप सोनोग्राफी करने जा रहे है तो आपको कम से कम पाँच महीने हो जाने के बाद ही जाना चाहिए। ताकि डॉक्टर को आसानी से पता चल सके की आपके पेट मे लड़का है या फीर लड़की।
अगर आप पाँच महीनो से पहले सोनोग्राफी कराएंगे तो बच्चा का जननंग सही तरह से दिखाई नहीं देता है। इसलिए आपकी कोशिस होनी चाहिए की जब पाँच महिना पूरा हो जाए फिर सोनोग्राफी करवाए।
टर्टल या हैमबर्गर के जरिये पता करना: जब भी आप सोनोग्राफी कराएंगे तो डॉक्टर अकसर ये दो चीज को ही देखकर ही बताते है। अगर आपका बच्चा का जननांग का टर्टल शेप मे दिखाई दे रहा है तो डॉक्टर बताते है आपके पेट मे लड़का है ओर अगर हैमबर्गर शेप मे दिखाई दे रहा है तो आपके पेट मे लड़की है।
बच्चे के दिल की धड़कन के जरिये पता करना: जब भी डॉक्टर आपका सोनोग्राफी करते है तो उस वक्त आपके पेट मे जो बच्चा है। उसका दिल की धड़कन के जरिये डॉक्टर ये पता लगाने की कोशिस करता है।
की अगर उस वक्त बच्चे के दिल की धड़कन 155 या फिर उससे कम धड़कता है तो डॉक्टर लकड़ा होने का संकेत देता है। ओर अगर वही 155 या इससे ज्यदा बार दिल धड़कता है तो उस स्थिति मे पेट मे लड़की होने का संकेत देता है। तो इस तरह से डॉक्टर सोनोग्राफी के जरिये आपके गर्भ मे लड़का या लड़की है का पता आसानी से लगा सकते है।