ये एक ऐसा गायक है जिनके आवाज सुनते ही हमलोग आपने बड़े से बड़े दुःख को पल भर में भूल जाते है। हमेशा मुस्कुराते रहने वाला ये चेहरा और वाही हमें और वाही मुस्कराहट हमें इनकी हर गीतों में भी नजर आती है। मेरे ख्याल से ऐसे गुण रखने वाले ये बॉलीवुड के एकलोते सिंगर है।
उदित नारायण का पूरा नाम उदित नारायण झा, इसका जन्म 1 दिसम्बर 1955 को बिहार के सुपौल जिला के बासरी गाव हलाकि कुछ लोग इनकी जन्म स्थल नेपाल बताते है। उदित नारायण ने हमेशा से ही इस बात का खंडन किया है और इनका बचपन काफी गरीबी में गुजरा,लेकिन उपरवाले ने एक बहुत ही खुबसूरत तोफा इनका दिया हुआ है और वो भी उनकी सुरुली आवाज।
उदित नारायण बचपन में रामलीला के स्टेज पर गया करते थे उस समय उनकी उम्र करीब 8 साल का था। वह रामलीला मंच पर ही गाना शुरु कर दिया और आगे भी वो गाते रहे, और बचपन में ये आपने मामा के यहाँ रहा करते थे। इन्होने आपनी शुरुवती पढाई राज विराज के टीवी स्कूल से की।
दसवी कछा पास करने के बाद इन्होने काठमांडू के रत्न राज रजनी कैंपस से इंटर की पढाई पूरी की । और उनका मन बचपन से ही गायिकी की और लगा हुआ था,स्कूल में छोटे छोटे मेले में और नेपालो के कुछ मदिरो में गना गाना हमेशा चलता रहता था।
उदित नारायण के पिता एक साधारण किशन थे,उदित नारायण के पिता डॉक्टर या इंजिनियर बनाना चाहते थे। लेकिन उदित जी का हमेशा से संगीत में ही लगाव था और फिल्मो में वे प्लेबेक सिंगिंग करना चाहते थे। रेडिओ नेपाल के रेडिओ शो के लिए स्टाफ आर्टिस्ट के पद की नोकरी शुरु की। जिसमे की ये नेपाली और मैथली गाना गाते थे।
तो याही से इसकी सिंगिंग करियर की शुरुवत हुई, जब भी रेडिओ नेपाल के रेडिओ शो के लिए स्टाफ आर्टिस्ट के रूप में काम कर रहे थे तो वे ज्यदातर मैथली तथा नेपाली भाषा के ही गाना गया करते थे। और 8 साल के बाद मियुजिकल स्कालरशिप के बल बूते मुंबई पहुचे इन्होने भारतीय विद्या भवान से संगीत की शिछा ली तथा अभ्याश भी किया।
धीरे धीरे उनका नाम बढ़ा और उस वक्त के नमी संगीतकार राजेश रोशन ने पहला मोका फिल्म “उन्नीस बीस” में गाना गाने के लिये दी। और सिंगर मुहमद रफी के साथ गाने का मोका मिला और उन्होंने कई सारे फिल्मो में बड़े गायकों के साथ गाना भी गए।
जिसमे से वो लता मंगेशकर,किशोर कुमार और कई सिंगर शामिल थे और दुसरे सिंगर के साथ गाते आ रहे थे इसी गाने में जहा किसी को चार तो किसी को पांच गना गाने का मोका मिलता था। लेकिन मुख्य गायक के तोर पर इनकी पहचान 1988 में आई आमिर खान की “फिल्म कयामत से कयामत तक” के गीत और “पापा कहते है की बड़ा नाम करेगा”।
और इसके बाद उदित नारायण ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उदित नारायण ने 36 अलग अलग भाषावो में गना गया अभी तक इन्होने 20,00 से ज्यदागाना गा चुके है। उदित नारायण ने एक्टिंग भी की है 1985 में आई नेपाली फिल्म “कुसुमे रुमाल” में इन्होने एक्टिंग भी किया था।
और इस फिल्म के गाने भी गए थे यह फिल्म 25 सप्ताह तक टॉप 10 में शामिल रही। नेपाल के सबसे कामयाब फिल्मो में से एक है, उदित नारायण झा की कई एल्बम आ चुके है उनमे से मुख्य एल्बम भजन संगम,भजन वाटिका,आई लव यू,दिल दीवाना,यह दोस्ती,लव इज लाइफ,जाना और झुमका दे झुमका है।
और ये कई सारे रियलिटी शो जैसे इंडियन आइडल,वर परिवार में जज के रूप में भी नजर आ चुके है। इनके साथ वो जो जीता वाही सिकंदर और सरे गामा पा लिटिल चेम्प में मेहमान की भूमीका में भी दिख चुके है।
इन्हें अब तक कई भारतीय और नेपाली आवार्ड से सम्मानित किया जा चूका है। कयामत से कयामत तक गाने के लिए फिल्म फेयर आवार्ड भी मिल चूका है। दोस्तों कहते है की इंसान का जितना बड़ा नाम होता है बदनाम भी उतना ही होता है।
उदित जी भी इससे बचे नहीं है लेकिन जिंदगी की सबसे पहली विवाद उनकी अफ्ली पत्नी होने का खुलाशा ही था की वो काफी सालो तक इस बात से इंकार करते रहे। रंजना नारायण उनकी पहली पत्नी है बिहार महिला आयोग के चेयर पर्सन मंजू प्रकाश नयूदित और रंजना को समझोता करने का 48 घंटे का समय दिया।
लेकिन समझोता नहीं हो पाया, वो उदित जी के खिलाफ वारंट जरी किया गया। कुछ सालो बाद रंजना नारायण झा ने फिर से उदित नारायण जी का पत्नी होने का दावा किया। और इसके लिए मुख्यमंत्री नितीश कुमार से भी मिले काफी समय तक जूझने के बाद उदित ने रंजना को स्वीकार कर ही लिया।
रंजना को तो बस सिर्फ आपनी पत्नी होने का हक़ चाहिए था, जो की उन्हें मिल चूका था। अभी भी वह सुलझ चूका है और उदित नारायण आपनी दूसरी पत्नी और बेटे के साथ मुंबई स्तिथ आपने घर में रहते है। इनके बेटे आदित्य नारायण भी आपने पिताजी के नक़्शे कदम पर चलते हुए गायिकी में हाथ अजमाया लेकिन आपने पिता की तरह सफल नहीं हो पाए।